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रेलवे सुरक्षा: रेलवे सुरक्षा में सुधार के लिए नए सिग्नल जोड़ने की योजना – मंत्री वैष्णव
परिचय
कवराईपेट्टई स्टेशन पर हाल ही में हुए हादसे ने रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस हादसे में कई लोग घायल हुए, और यात्रियों में दहशत फैल गई। इस घटना के बाद रेलवे ने सुरक्षा में सुधार के लिए नए सिग्नल सिस्टम जोड़ने की योजना को लागू करने की घोषणा की है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए नए कदम उठाने का फैसला किया है।
कवराईपेट्टई स्टेशन हादसे का विवरण:
कवराईपेट्टई स्टेशन पर यह हादसा एक यात्री ट्रेन और मालगाड़ी के बीच टकराव के कारण हुआ। प्रारंभिक जांच से पता चला कि दुर्घटना का मुख्य कारण सिग्नल
की विफलता थी। इस घटना ने यात्रियों और रेलवे अधिकारियों को सुरक्षा मानकों की ओर गंभीरता से ध्यान देने को मजबूर कर दिया।
सिग्नल प्रणाली की विफलता:
भारतीय रेलवे के लिए सिग्नल सिस्टम किसी भी ट्रेन संचालन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कवराईपेट्टई हादसे में यह बात सामने आई कि सिग्नल प्रणाली में तकनीकी खराबी के कारण गलत सिग्नल भेजा गया। इसके कारण दो ट्रेनों के बीच टकराव हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सिग्नल प्रणाली को उन्नत किया जाता, तो यह दुर्घटना टाली जा सकती है।
अश्विनी वैष्णव का बयान:
हादसे के बाद, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे की सुरक्षा प्रणाली में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा, “हमने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम को आधुनिक बनाने का फैसला किया है। नए सिग्नल जोड़ों की तकनीक से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।
रेलवे सुरक्षा के लिए नए कदम:
रेलवे ने हादसे के बाद कई सुधारात्मक उपायों की घोषणा की है, जिनमें मुख्य हैं:
- नए सिग्नल जोड़ने का उपयोग:
रेलवे अब ऐसी सिग्नल तकनीक अपनाने की योजना बना रहा है, जो गलती के जोखिम को कम करेगी। यह तकनीक ट्रेनों के सही समय पर रुकने और चलने को सुनिश्चित करेगी। - ट्रैक और सिग्नल निरीक्षण:
रेलवे ट्रैक और सिग्नल प्रणाली की नियमित जांच के लिए विशेष निरीक्षण टीमों को तैनात करेगा। - स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली:
रेलवे अब एक उन्नत स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली लागू करने की तैयारी में है, जो दुर्घटनाओं के जोखिम को न्यूनतम करेग। - स्टाफ प्रशिक्षण:
सिग्नल और ट्रैक से संबंधित स्टाफ को नई तकनीकों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हादसों के बढ़ते मामले और उनके कारण
भारत में रेलवे हादसों की संख्या में हाल के वर्षों में बढ़ोतरी देखी गई है। इसके मुख्य कारण हैं:
- पुरानी सिग्नलिंग तकनीक
- ट्रैक मेंटेनेंस की कमी
- स्टाफ की कमी और उचित प्रशिक्षण का अभाव
- ट्रेनों की बढ़ती संख्या और बुनियादी ढांचे पर दबाव
विशेषज्ञों का कहना है कि नई तकनीकों जैसे यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ETCS) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिग्नलिंग को अपनाना भारतीय रेलवे के लिए बेहद जरूरी है। इससे ट्रेनों की गति, समय और सुरक्षा में सुधार होगा।
रेलवे सुरक्षा यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में पहल
यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता होनी चाहिए। रेलवे हादसों के लिए जवाबदेही तय करना और इन घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना समय की मांग है। कवराईपेट्टई स्टेशन हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे को अपने बुनियादी ढांचे में जल्द से जल्द सुधार करना होगा।
कवराईपेट्टई स्टेशन हादसा एक बड़ी चेतावनी है कि भारतीय रेलवे को अपनी सुरक्षा प्रणालियों को तुरंत उन्नत करना होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा घोषित नए सिग्नल जोड़ों की योजना से उम्मीद की जाती है कि यह भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने में कारगर होगी। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आधुनिक तकनीकों को अपनाना रेलवे के विकास और विश्वसनीयता के लिए अनिवार्य है।